Written by : Sanjay kumar
शुक्रवार, 21 नवंबर 2025
पटना
बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मंत्रियों को विभाग आवंटन को लेकर शुक्रवार को एक अनौपचारिक सूची सामने आई है, जिसने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। 20 नवंबर को गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित 26 मंत्रियों ने शपथ ली थी। अब दावा किया जा रहा है कि कई बड़े और प्रभावशाली विभाग भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हिस्से में गए हैं, जबकि जनता दल यूनाइटेड (JDU) व सहयोगी दलों को भी अपने-अपने मंत्रालय आवंटित किए गए हैं।
हालाँकि यह सूची आधिकारिक नहीं है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर व्यापक चर्चा है।
BJP के पास गए प्रमुख एवं ‘मलाईदार’ विभाग — दावा किया गया
अनौपचारिक सूची में बताया गया है कि भाजपा को इस बार सरकार में सबसे अहम विभाग मिले हैं:
- सम्राट चौधरी – गृह विभाग
- विजय कुमार सिन्हा – भूमि एवं राजस्व विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग
- मंगल पांडे – स्वास्थ्य विभाग, विधि विभाग
- दिलीप जायसवाल – उद्योग विभाग
- नितिन नबीन – पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग
- रामकृपाल यादव – कृषि विभाग
- संजय टाइगर – श्रम संसाधन विभाग
- अरुण शंकर प्रसाद – पर्यटन, कला-संस्कृति एवं युवा विभाग
- सुरेन्द्र मेहता – पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
- नारायण प्रसाद – आपदा प्रबंधन विभाग
- रमा निषाद – पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
- लखेन्द्र पासवान – अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग
- श्रेयसी सिंह – सूचना प्रौद्योगिकी विभाग व खेल विभाग
- प्रमोद चंद्रवंशी – सहकारिता विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
इन नियुक्तियों को BJP की मजबूत पकड़ के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इनमें प्रशासन, कानून-व्यवस्था, बुनियादी ढाँचा, स्वास्थ्य और उद्योग जैसे व्यापक प्रभाव वाले मंत्रालय शामिल हैं।
JDU को मिले विभाग (दावा) — महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी पकड़
सूत्रों के अनुसार JDU के हिस्से में भी कई प्रभावशाली मंत्रालय जाने की बात कही जा रही है—
- अशोक चौधरी – ग्रामीण कार्य विभाग
- मदन सहनी – समाज कल्याण विभाग
- वित्त विभाग और कमर्शियल टैक्स विभाग – JDU के पास रहने का दावा
- लेसी सिंह – खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग
- श्रवण कुमार – ग्रामीण विकास विभाग
- विजय चौधरी – जल संसाधन विभाग, भवन निर्माण विभाग
- विजेंद्र यादव – ऊर्जा विभाग
- जमा खान – अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
- सुनील कुमार – शिक्षा विभाग
इस संरचना में JDU को परंपरागत जनकल्याण और ग्रामीण विकास से जुड़े बड़े मंत्रालय दिए जाने का दावा है, जो सीधे जनता से जुड़े होते हैं।
सहयोगी दलों को क्या मिला? (अनौपचारिक सूची के दावे)
लोजपा (रामविलास)
- गन्ना उद्योग विभाग
- लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर)
- जल संसाधन विभाग
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM)
- पंचायती राज विभाग
इन विभागों को सहयोगी दलों के लिए “संतुलन बनाए रखने” की रणनीति माना जा रहा है।
राजनीतिक महत्व: BJP को बड़ा हिस्सा क्यों?
विशेषज्ञों का मानना है कि—
- भाजपा ने सरकार गठन में निर्णायक भूमिका निभाई, इसलिए उसे प्रशासनिक रूप से प्रभावी मंत्रालय मिले।
- गृह, स्वास्थ्य, नगर विकास, सड़क, और IT जैसे विभाग चुनावी रणनीति के लिहाज़ से भी अहम हैं।
- JDU को ऐसे विभाग सौंपे गए हैं जो राजनीतिक रूप से संवेदनशील और जनता से सीधे जुड़े होते हैं।
- सहयोगी दलों को उन मंत्रालयों का आवंटन किया गया है जिनमें योजनाओं और स्थानीय स्तर पर प्रभाव बढ़ाने की क्षमता है।
आधिकारिक घोषणा का इंतज़ार
फिलहाल यह सूची अनौपचारिक है और सरकार द्वारा आधिकारिक अधिसूचना जारी होने का इंतज़ार किया जा रहा है। लेकिन राजनीतिक हलकों और सोशल मीडिया पर यह सूची तेजी से चर्चा का विषय बनी हुई है।
