कोटा में गुजरात प्रवासी मेला सम्पन्न, प्रवासी नीतियों व सांस्कृतिक विरासत पर जोर

Written by : प्रमुख संवाद

कोटा, 23 नवम्बर। श्री अखिल राजस्थान गुजराती समाज (समिति), कोटा द्वारा गुजरात सरकार के Non-Resident Gujarati’s Foundation (NRGF) के सहयोग से गुजरात प्रवासी मेला (गुजरात डायस्पोरा) का भव्य आयोजन रविवार को राम शान्ताय सभागार, स्वामी विवेकानंद विद्यालय परिसर, महावीर नगर तृतीय में सम्पन्न हुआ। गणेश वंदना एवं सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
समिति के अध्यक्ष जी. डी. पटेल तथा सचिव मुकेशभाई पटेल ने बताया कि कार्यक्रम में गुजरात सरकार के प्रतिनिधि सुनिल परमार और निकुंज परमार ने भाग लिया। मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा,मुख्य वक्ता इतिहासकार एवं लेखक डा. रिजवान कादरी, सरदार वल्लभभाई पटेल के पैतृक गांव करमसद से आए रमेश प्रजापति, तथा कबीर पंथ के प्रभाकर साहिब सहित अनेक गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे।सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के दौरान राजस्थान और गुजरात की समृद्ध विरासत को दर्शाते हुए कालबेलिया, चरी नृत्य तथा पारंपरिक गुजराती गरबा प्रस्तुत किए गए।
मुख्य वक्ता डा. रिजवान कादरी ने अपने उद्बोधन में देश की एकता और अखंडता में सरदार वल्लभभाई पटेल के अप्रतिम योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “लौह पुरुष पटेल ने विभाजनकालीन अराजकता के बीच अतुलनीय दृढ़ता के साथ देश को एक सूत्र में पिरोया। आधुनिक भारत की एकता और सम्प्रभुता का आधार उनके अथक प्रयासों में निहित है।”
उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भों के साथ बताया कि किस प्रकार पटेल ने 1917 के अहमदाबाद नगरपालिका चुनाव से लेकर रियासतों के एकीकरण, ऑपरेशन पोलो और सत्याग्रह आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अध्यक्ष जी. डी. पटेल ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य राजस्थान में बसे गुजराती समाज को एक मंच पर जोड़ना, प्रवासी नीतियों से अवगत कराना और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है। उन्होंने कहा कि यह कोटा में दूसरा और राजस्थान में तीसरा बड़ा आयोजन है, जिसके माध्यम से समाज शिक्षा, विद्यार्थियों, महिलाओं तथा जरूरतमंदों के लिए विभिन्न सामाजिक सहयोग कार्यक्रम चला रहा है।
मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा ने कहा, “भारत को आर्थिक समृद्धि प्रदान करने से लेकर सीमाओं पर बलिदान देने तक—गुजरात का योगदान सदैव सर्वोपरि रहा है।” उन्होंने गुजरात और राजस्थान की सांस्कृतिक समानताओं की सराहना करते हुए कहा कि गुजराती समाज कर्मनिष्ठा और अनुशासन का प्रतीक है।
करमसद से आए रमेश प्रजापति ने सरदार पटेल के जीवन, सत्याग्रहों तथा राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पटेल ने गांधीजी के सिद्धांतों को धरातल पर उतारते हुए गांव-गांव में संगठन खड़ा किया, जिससे राष्ट्रीय एकता को नई मजबूती मिली।
कार्यक्रम में प्रभाकर साहिब ने मंगल आशीर्वाद देते हुए संस्कार, समाज और सांस्कृतिक एकता के महत्व पर बल दिया।
महामंत्री मुकेश पटेल ने बताया कि जयपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, अजमेर, सवाईमाधोपुर,रामगंजमंडी और आबू रोड कोटा संभाग सहित कई प्रांतों से गुजराती समाज के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।गायत्री परिवार के प्रभाशंकर दुबे ने कहा राजस्थान में मिनी गुजरात व गुजरात में मिनी राजस्थन बस्ता है दोनो राज्यो को वर्षो से अटूट सम्बंध है। कार्यक्रम का कुशल संचालन नीता पारेख ने किया। अंत में महामंत्री मुकेश पटेल ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।कार्यक्रम में अमरिश पटेल,नवनीत शाह,हसमुख पटेल,अरिवंद पटेल,उमर अकबर, दर्पण पारेख,चित्ररंजन पटेल,पुनित पारेख,प्रभाशंकर दुबे,हमेराज पांचाल कई लोग उपस्थित रहे।

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