Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 23 नवम्बर 2025 ।
पुण्योदय क्षेत्र नसियांजी दादाबाड़ी में धार्मिक संस्कारों का नया इतिहास रचा गया। सतयुगी संत, अध्यात्म शिरोमणि, परम पूज्य आचार्य विधासागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य, तीर्थंकर चक्रवर्ती निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर महाराज की प्ररेणा एवं आशीर्वाद से क्षेत्र में चक्रवर्ती विवाह संपन्न हुआ।


क्षेत्र के महामंत्री महेंद्र कासलीवाल ने बताया कि बड़े बाबा श्री 1008 आदिनाथ भगवान के दिव्य सान्निध्य में क्षेत्र अध्यक्ष जम्बू सर्राफ और अर्चना दुगेरिया सर्राफ के सुपुत्र दिव्यांश जैन ने वैदिक एवं जैन रीति–रिवाज़ों के साथ अपनी जीवनसंगिनी मुस्कान जैन (सुपुत्री संगीता जैन) के साथ परिणय-सूत्र में बंधकर चक्रवर्ती विवाह की अनोखी परंपरा को जीवंत किया।
पूर्व संध्या पर “एक शाम सुधा गुरु के नाम” भक्ति संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें सौरभ सिद्धार्थ (कोटा) द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण भजनों के माध्यम से देव–शास्त्र–गुरु की महिमा का गुणानुवाद हुआ। समस्त मांगलिक क्रियाएँ भी उनके द्वारा गुरुजी के आशीर्वाद से संपन्न कराई गईं।
इस अनुपम आध्यात्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में भक्त, शुभचिंतक तथा सकल जैन समाज ने उपस्थित होकर जम्बू सर्राफ और अर्चना सर्राफ के आध्यात्मिक आयोजन की प्रशंसा की तथा वर–वधू दिव्यांश और मुस्कान को मंगल आशीर्वाद प्रदान किए।
धर्मचंद जैन (धान्योपा) ने बताया कि इस अवसर पर दुगेरिया परिवार द्वारा पुण्योदय क्षेत्र एवं बसंत विहार मंदिर को उदारतापूर्वक दान दिया गया, जिसके माध्यम से उन्होंने धार्मिक संस्कारों के पुनर्जीवन और धर्मप्रभावना को विशेष रूप से संवर्धित किया।
