Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 28 नवम्बर।
इटावा क्षेत्र में कनिष्ठ अभियंता नितिन पटेल के साथ हुई मारपीट की घटना के विरोध में शुक्रवार को विभिन्न विभागों के अभियंता सामूहिक अवकाश पर रहे और कार्य बहिष्कार किया। संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में अभियंताओं ने सम्भागीय कार्यालय पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना देकर अपना गहरा रोष व्यक्त किया। विरोध स्वरूप नहरों एवं वितरिकाओं में जल प्रवाह पूर्णतः बंद रखा गया, जिससे फील्ड स्तर के अधिकांश कार्य प्रभावित रहे।
गौरतलब है कि 22 नवंबर को रामपुरिया माइंस में नहर प्रवाह को बाधित करने को लेकर हुए विवाद के दौरान सिंचाई विभाग के जेईएन नितिन पटेल के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। पांच दिन बीत जाने के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से अभियंताओं में गहरा असंतोष व्याप्त है।
संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री के नाम सम्भागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि अभियंताओं पर हमले को किसी भी प्रकार से स्वीकार नहीं किया जा सकता। ज्ञापन में कहा गया कि प्रशासन द्वारा त्वरित व ठोस कार्रवाई आवश्यक है, अन्यथा नहर व्यवस्था ठप होने सहित कई अहम कार्य प्रभावित होंगे। समिति ने चेतावनी दी कि यदि आरोपियों को 48 घंटों में गिरफ्तार नहीं किया गया तो अभियंता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे, जिसके कारण नहरों की मॉनिटरिंग और जल आपूर्ति पूरी तरह बंद रहेगी।
धरने के दौरान डीपी चौधरी, हेमराज मीणा, हेमंत सनाढ्य, बलवंत सिंह हाडा, दिनेश जैन, डीके शर्मा, नमो नारायण मीणा, मधुसूदन शर्मा, एसपी कथूरिया, बाबुद्दीन, जीवनधर राठौर, मुरारी मीणा, प्रदीप लोकवानी सहित बड़ी संख्या में अभियंता मौजूद रहे।
अभियंताओं की प्रमुख मांगें
- जेईएन नितिन पटेल पर हमले में शामिल सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी।
- अभियंताओं की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत और प्रभावी किया जाए।
- नहर संचालन में बाधा डालने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
- अभियंताओं के लिए स्थायी एवं विश्वसनीय सुरक्षा प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।
- यदि प्रशासन ने 48 घंटों में कार्रवाई नहीं की, तो संघर्ष और तेज किया जाएगा और हड़ताल को अनिश्चितकालीन रूप दिया जाएगा।
