Written by : प्रमुख संवाद
कोटा | दिनांक 30 नवम्बर 2025
पिपलेश्वर महादेव मंदिर में शिव परिवार की प्रतिमाओं के साथ किए गए अपमानजनक कृत्य एवं आगजनी के विरोध में आज शॉपिंग सेंटर क्षेत्र में सर्व हिंदू समाज, स्थानीय व्यापारियों एवं विभिन्न धार्मिक-सामाजिक संगठनों ने शांतिपूर्ण धरना दिया।
घटना की जानकारी फैलते ही क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त हो गया और बड़ी संख्या में श्रद्धालु, नागरिक व व्यापारी मंदिर परिसर में एकत्रित हुए। धरने की शुरुआत सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ से हुई, जिसके माध्यम से समाज ने शांति, एकजुटता और धार्मिक आस्था की रक्षा का संदेश दिया।
सर्व हिंदू समाज के प्रतिनिधियों के साथ विहिप कोटा के मीडिया सहसंयोजक सुनील पोकरा ने बताया कि ने बताया कि मंदिर में प्रतिमाओं को खंडित करना और आगजनी करना अत्यंत निंदनीय, भावनाओं को आहत करने वाला और समाज में अशांति फैलाने की सोची-समझी कोशिश है। प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन को मांगपत्र सौंपकर कहा कि —
“अपराधी को 48 घंटों के भीतर गिरफ्तार कर कठोर दंड दिया जाए, अन्यथा व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखकर आंदोलन आगे बढ़ाया जाएगा।”
घटना की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी धरना स्थल पर पहुंचे और समाजजनों से चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि —
- पुलिस तेजी से जांच कर रही है,
- आरोपी की गिरफ्तारी 48 घंटे के भीतर सुनिश्चित की जाएगी,
- और मंदिर में नई प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक विधि से शुभ मुहूर्त में कराई जाएगी।
एएसपी के आश्वासन एवं प्रशासन से सहमति बनने के बाद सर्व हिंदू समाज ने लगभग शाम 4 बजे शांतिपूर्ण तरीके से धरना समाप्त करने की घोषणा की। हालांकि प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कहा कि यदि तय समय सीमा में कार्रवाई नहीं होती, तो आंदोलन को और कठोर रूप में आगे बढ़ाया जाएगा।
धरने में अनेक संगठनों के प्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से —
नाथ मित्तल (विहिप अध्यक्ष), आशीष शर्मा (विहिप मंत्री), मुकेश शर्मा (विहिप सहमंत्री), मोनू आर्य (बजरंग दल सहसंयोजक), नरेश मीणा, चेतन नैका (गौ रक्षा प्रमुख), डी. कपिल गॉड, संजय विजय (महासचिव शॉपिंग सेंटर व्यापार संघ), गौरव अग्रवाल, जसपाल अरोड़ा, सुमेर सिंह (अनंत चतुर्दशी समिति अध्यक्ष), भाजपा नेता विशाल जोशी सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
सर्व हिंदू समाज ने सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा प्रशासन और समाज—दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है। समाज ने चेतावनी दी कि इस प्रकार की घटनाओं को किसी भी स्थिति में सफल नहीं होने दिया जाएगा।
अंत में सर्व हिंदू समाज ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन धार्मिक आस्था, सामाजिक सौहार्द और मंदिर सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता को स्थापित करने हेतु किया गया है, और जब तक दोषियों की गिरफ्तारी व प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, समाज एकजुट और सक्रिय रहेगा।
