Education Minister Under Fire: जयपुर में लगे ‘लापता शिक्षा मंत्री’ पोस्टर्स ने उठाए गंभीर सवाल

Written by : Sanjay kumar


जयपुर, 9 दिसम्बर। राजधानी जयपुर में सोमवार सुबह शहर के प्रमुख चौराहों—नारायण सिंह सर्किल, अल्बर्ट हॉल, ओटीएस चौराहा, शिक्षा संकुल, झालाना डूंगरी और सांगानेर—पर अचानक ‘लापता शिक्षा मंत्री’ लिखे पोस्टर्स दिखाई दिए। पोस्टर्स में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की तस्वीर के साथ यह आरोप लिखा गया है कि नीरजा मोदी स्कूल छात्रा मौत प्रकरण में मंत्री कार्रवाई से बच रहे हैं और मौन साधे हुए हैं।

इन पोस्टर्स को लेकर शहर में चर्चा तेज हो गई है और लोग इसे परिजनों द्वारा दर्ज सबसे तीखे विरोधों में से एक मान रहे हैं।

पोस्टर्स में लगे कड़े आरोप

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अमायरा के परिजन जयपुर शहर में पोस्टर्स लगाते नजर आ रहे हैं। पोस्टर्स में लिखा है:

  • लापता शिक्षा मंत्री… राजस्थान के सभी मां-बाप इनकी तलाश कर रहे हैं।
  • “एक प्राइवेट स्कूल में चौथी कक्षा की बच्ची ने जान दे दी, लेकिन शिक्षा मंत्री ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।”
  • “सुनने में आया है कि स्कूल ने मंत्री के विभाग को अंदर घुसने तक नहीं दिया—इसके बाद भी कार्रवाई शून्य।”

इन वाक्यों ने शिक्षा विभाग की भूमिका और उसकी कार्यवाही पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं।

पूरा मामला: 4th फ्लोर से कूदकर छात्रा ने दी जान

घटना 1 नवंबर की है जब मानसरोवर स्थित नीरजा मोदी स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा की मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि:

  • अमायरा को क्लासमेट्स द्वारा लगातार बुलिंग की जा रही थी,
  • बच्ची ने कई बार शिकायत की थी,
  • लेकिन स्कूल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की

परिजनों का कहना है कि यदि शिकायत को गंभीरता से लिया जाता तो यह घटना टाली जा सकती थी।

परिजनों के आरोप: स्कूल ने छिपाई जानकारी, पुलिस को देर से सूचना

अमायरा के परिवार ने आरोप लगाया है कि:

  • स्कूल ने घटना को छिपाने की कोशिश की,
  • पुलिस को तत्काल सूचना नहीं दी,
  • और साक्ष्यों से छेड़छाड़ के संकेत भी सामने आए हैं।

परिजनों ने एनसीपीसीआर गाइडलाइंस के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है।

परिजनों की कड़ी मांगें

अमायरा के माता-पिता ने सरकार और शिक्षा विभाग से मांग की है:

  1. नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जाए।
  2. लापरवाही बरतने वालों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।
  3. स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त विभागीय और कानूनी कार्रवाई हो।
  4. शिक्षा विभाग यह स्पष्ट करे कि अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई और मंत्री की भूमिका इस मामले में निष्क्रिय क्यों रही।

शिक्षा मंत्री की ‘चुप्पी’ पर सवाल तेज

पोस्टर्स और सोशल मीडिया पर उठते सवालों में मुख्य बिंदु यह है कि:

  • इतनी गंभीर घटना पर
  • राज्य के सबसे बड़े शिक्षा अधिकारी पर आरोप होने के बावजूद
  • मंत्री की ओर से अब तक कोई ठोस बयान, दौरा, या निर्णायक कदम नहीं दिखा।

इसी “गायब” जैसी स्थिति ने परिजनों को यह पोस्टर अभियान चलाने को मजबूर किया है।
जनता में सवाल उठ रहे हैं:

  • क्या मंत्रालय निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने से डर रहा है?
  • क्या शिक्षा विभाग ने अपनी जिम्मेदारी निभाई?
  • क्या अपराध या लापरवाही ढकने की कोशिश की जा रही है?

मामला तूल पकड़ रहा है

लापता मंत्री के पोस्टर्स ने इस प्रकरण को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है।
जनता और अभिभावकों में बढ़ती नाराजगी के बीच अब गेंद सरकार और शिक्षा मंत्री के पाले में है।
लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर एक बच्ची की मौत और बुलिंग जैसे संवेदनशील मुद्दे पर मंत्रालय सक्रिय क्यों नहीं नजर आया।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!