अलग-अलग जाति में शादी की तो सरकार देगी मदद, जानिए डॉ. सविता बेन अंबेडकर योजना

Written by : Sanjay kumar


जयपुर, 23 दिसम्बर 2025।
समाज में आज भी जाति के आधार पर भेदभाव और मानसिक रुकावटें देखने को मिलती हैं, जिनके कारण कई बार दो लोगों का साथ जीवनभर के लिए जुड़ नहीं पाता। इसी सामाजिक सोच को बदलने और बराबरी, भाईचारे व आपसी समझ को मजबूत करने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार द्वारा डॉ. सविता बेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना संचालित की जा रही है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य जातिगत दीवारों को तोड़ना और अंतरजातीय विवाह को सामाजिक सम्मान दिलाना है। सरकार मानती है कि विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने वाला एक सशक्त माध्यम भी है। इसी सोच के तहत पात्र दंपतियों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे बिना किसी सामाजिक दबाव के अपने निर्णय पर आगे बढ़ सकें।

  • वित्तीय सहायता:
    • राजस्थान में: ₹5,00,000/- (पांच लाख रुपये) की प्रोत्साहन राशि.
    • गुजरात में: ₹2,50,000/- (ढाई लाख रुपये) की वित्तीय सहायता.

योजना के लिए पात्रता शर्तें

योजना का लाभ लेने के लिए निम्न शर्तों का पालन आवश्यक है—

  • पति या पत्नी में से एक का अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से होना अनिवार्य है।
  • अनुसूचित जाति वर्ग का व्यक्ति राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।
  • दोनों पति-पत्नी की आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़के की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित है।
  • पति-पत्नी की संयुक्त वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • विवाह दोनों की सहमति से, बिना किसी दबाव के हुआ हो तथा यह पहला विवाह हो।

आवेदन की प्रक्रिया

  • विवाह की तिथि से एक माह के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है।
  • आवेदन के लिए दोनों पति-पत्नी के पास आधार कार्ड और संयुक्त बैंक खाता होना चाहिए।
  • आवेदक को अपनी एसएसओ आईडी से लॉगिन करना होगा।
  • Citizen सेक्शन में जाकर SJMS Application लिंक पर क्लिक करना होगा।
  • आवेदन फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारियां सही-सही भरनी होंगी।
  • निर्धारित दस्तावेज अपलोड कर फॉर्म सबमिट करना होगा।

योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी और दिशा-निर्देश myscheme.gov.in पोर्टल पर भी उपलब्ध हैं।

राजस्थान सरकार की यह पहल न केवल अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित कर रही है, बल्कि समाज में समानता, सम्मान और सामाजिक समरसता की भावना को भी मजबूत कर रही है। यह योजना उन परिवारों और युवाओं के लिए एक सकारात्मक संदेश है, जो जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर नया सामाजिक उदाहरण स्थापित करना चाहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!