कोटा रेंज पुलिस समीक्षा: महिला कार्मिकों की सुविधाओं से लेकर अपराध नियंत्रण तक डीजीपी का सख्त एक्शन प्लान

Written by : प्रमुख संवाद


कोटा, 23 दिसम्बर। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने कोटा रेंज के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक कर कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, अनुसंधान गुणवत्ता और पुलिस-जन सहभागिता की गहन समीक्षा की। बैठक में एडीजी क्राइम हवासिंह घुमरिया, डीआईजी राजेन्द्र प्रसाद गोयल सहित रेंज के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक उपस्थित रहे।

डीजीपी ने स्पष्ट कहा कि पुलिस का अपराधियों में भय और आमजन के प्रति व्यवहार संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिसकर्मी नियमित रूप से अपने कार्यों की समीक्षा करें, कमियों को पहचानें और निरंतर सुधार की दिशा में कार्य करें।

जिलावार एवं वृत्तवार अपराध समीक्षा:
समीक्षा के दौरान महिला अपराध, एसटी-एससी अत्याचार प्रकरण, लंबित व निस्तारित मामलों, आईटी एक्ट व साइबर अपराध, भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत ई-साक्ष्य, वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी, वर्ष 2025 की निरोधात्मक कार्रवाई तथा समग्र कानून-व्यवस्था की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई। डीजीपी ने सभी बिंदुओं पर आवश्यक सुधारात्मक दिशा-निर्देश जारी किए।

हर थाने से साप्ताहिक ‘एक अच्छा काम’ अनिवार्य:
प्रोएक्टिव पुलिसिंग और सकारात्मक छवि निर्माण पर जोर देते हुए डीजीपी ने नई पहल की घोषणा की। निर्देश दिए गए कि प्रत्येक थाना हर सप्ताह यह रिपोर्ट करेगा कि उस अवधि में जनता के हित में कौन-सा एक उत्कृष्ट कार्य किया गया, ताकि पुलिस के सकारात्मक प्रयास आमजन तक प्रभावी रूप से पहुंच सकें।

अपराधों में 14% कमी, अब गुणवत्ता पर जोर:
डीआईजी राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि प्रभावी पुलिसिंग के चलते रेंज में विभिन्न अपराधों में 14 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। डीजीपी ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अब आंकड़ों के साथ-साथ अनुसंधान की गुणवत्ता और पीड़ितों को वास्तविक राहत सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए। महिला सुरक्षा पर फील्ड सर्वे तथा स्कूल-कॉलेज की छात्राओं को थाने की विजिट कराने के निर्देश भी दिए गए।

एनडीपीएस और साइबर अपराध पर जीरो टॉलरेंस:
डीजीपी ने नशा तस्करी और साइबर अपराधों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने, सख्त कार्रवाई और जन-जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने ‘अनुसंधान मित्र’ जैसे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करते हुए कहा कि मजबूत पुलिस-जन सहभागिता ही अपराध-मुक्त समाज की कुंजी है।

डीजीपी डिस्क सम्मान:
बैठक के दौरान बूंदी एसपी राजेन्द्र सिंह मीणा और पुलिस निरीक्षक रामकिशन गोदारा को डीजीपी डिस्क सम्मान से सम्मानित किया गया। संपर्क सभा में पुलिस आचार संहिता को एक स्वर में प्रस्तुत करने पर प्लाटून कमांडर पूराराम को प्रशस्ति पत्र एवं नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।

बुनियादी ढांचे में सुधार के सख्त निर्देश:
डीजीपी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अगले दो माह के भीतर रेंज के प्रत्येक पुलिस थाने में महिला कार्मिकों के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पुलिस लाइंस में नाई की दुकान, मोची शॉप और कैंटीन को बाजार-स्तरीय गुणवत्ता के अनुरूप विकसित करने, सभी थानों व चौकियों के साइन बोर्ड पुलिस मुख्यालय के प्रावधानों के अनुसार लगाने के भी निर्देश दिए गए।

एडीजी क्राइम हवासिंह घुमरिया ने अनुसंधान सुधार और कोर पुलिसिंग एरिया पर विशेष फोकस की आवश्यकता बताते हुए सभी एसपी को अपराध आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर बेहतर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।

पुलिस लाइन में नवाचार की पहल:
डीजीपी ने कोटा पुलिस लाइन में नवनिर्मित ‘नव विधान पार्क’ का लोकार्पण युवा खिलाड़ी देवांशी के हाथों करवाकर नई पीढ़ी को प्रेरित किया। कोटा एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि कचरे के ढेर के रूप में पड़ी भूमि को केडीए और नगर निगम के सहयोग से पार्क और ओपन जिम में विकसित किया गया है। डीजीपी ने पार्क में नवीन आपराधिक कानूनों से संबंधित जानकारी प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। पुलिस परिवार के प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित कर उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रोत्साहित किया गया।

आधुनिक लाइब्रेरी और प्रदर्शनी का उद्घाटन:
डीजीपी ने पुलिसकर्मियों के बौद्धिक विकास हेतु आधुनिक लाइब्रेरी और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। डिजिटल कंटेंट और पुस्तकों की सराहना करते हुए उन्होंने आईगोट प्लेटफॉर्म के अधिकतम उपयोग की सलाह दी। सुरक्षित नारी-सशक्त समाज और साइबर सतर्कता पर आधारित ऑडियो-विजुअल प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया गया।

संपर्क सभा में पुलिस वेलफेयर पर फोकस:
संपर्क सभा के दौरान डीजीपी ने पुलिसकर्मियों की सेवा-संबंधी समस्याएं सुनीं और डीए, एरियर, एचआरए से जुड़े मामलों पर लेखाधिकारियों से तत्काल जवाब तलब किया। एक पुलिसकर्मी के बच्चे के लिए श्रवण यंत्र उपलब्ध कराने हेतु वेलफेयर फंड से सहायता का आश्वासन दिया गया। डीजीपी ने बताया कि पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए काउंसलिंग व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है।

मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से घोषणा की गई कि आरएसी गार्डन अब अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को 75 प्रतिशत छूट पर उपलब्ध होगा। पदोन्नति प्रक्रिया में तेजी, डीपीसी प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने और पुलिस क्वार्टर की मरम्मत हाउसिंग कॉर्पोरेशन के माध्यम से कराने का भी आश्वासन दिया गया।

कार्यक्रम के अंत में डीजीपी राजीव कुमार शर्मा, एडीजी हवासिंह घुमरिया और डीआईजी शांतनु कुमार सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कोटा ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर ने आभार व्यक्त किया।


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