बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा के विरोध में कोटा में मशाल आक्रोश रैली, विहिप ने अंतरराष्ट्रीय दबाव की मांग की

Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 24 दिसंबर 2025

बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल के बाद हिंदू समाज पर बढ़ती कथित इस्लामी जिहादी हिंसा, प्रशासनिक निष्क्रियता और अल्पसंख्यकों के मानवीय अधिकारों के उल्लंघन के विरोध में राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत कोटा में मशाल आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। यह रैली विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, मातृशक्ति एवं दुर्गा वाहिनी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई, जिसका नेतृत्व संत समाज द्वारा किया गया।

विहिप प्रांत मीडिया प्रभारी सुनील पोकरा ने बताया कि रैली बुधवार सायं 5:30 बजे विश्व हिंदू परिषद कार्यालय, मानव विकास भवन, रावतभाटा रोड से प्रारंभ होकर शॉपिंग सेंटर, चौपाटी होते हुए मल्टीपर्पज विद्यालय के सामने से गुजरती हुई गुमानपुरा चौराहे पर पहुंची। गुमानपुरा चौराहे पर बांग्लादेश में कथित जिहादी हिंसा एवं प्रशासनिक मौन के विरोध में बांग्लादेश के कार्यकारी प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का पुतला सांकेतिक रूप से फूंका गया तथा बांग्लादेश के ध्वज का दहन किया गया। इसके पश्चात कार्यक्रम का समापन हुआ।

कार्यक्रम का संचालन महानगर सह मंत्री राजू सुमन ने किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा की घटनाएं चिंता का विषय हैं और भारत की सुरक्षा व सामाजिक सौहार्द पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने अवैध घुसपैठ जैसे विषयों पर कठोर और कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।

विहिप प्रांत अध्यक्ष प्रताप सिंह नागदा ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचार किसी एक घटना तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह सुनियोजित हिंसा का परिणाम प्रतीत होते हैं। मेमनसिंह जिले के भालुका क्षेत्र में श्रमिक दीपू दास की हत्या का उल्लेख करते हुए उन्होंने इसे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बताया और कहा कि झूठे ईशनिंदा आरोप, भीड़ हिंसा, शव के दहन और वीडियो प्रसार जैसी घटनाएं कानून-व्यवस्था के गंभीर पतन को दर्शाती हैं।

विहिप पदाधिकारियों एवं संत समाज ने कहा कि बांग्लादेश की घटनाओं से यह स्पष्ट है कि ऐसे खतरे केवल वहीं तक सीमित नहीं रहते। उन्होंने राजस्थान, कश्मीर, बंगाल और केरल का उल्लेख करते हुए कहा कि हिंदू समाज को सजग रहने की आवश्यकता है। वक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान परिदृश्य में सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय कट्टरपंथी संगठनों के कारण असुरक्षा की भावना बढ़ी है।

संत समाज रचितानंद ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में संबंधित घटनाएं पुलिस एवं प्रशासन की उपस्थिति में हुईं, किंतु प्रभावी हस्तक्षेप नहीं हुआ, जिससे कट्टरपंथी तत्वों को अप्रत्यक्ष संरक्षण मिला। महामंडलेश्वर मैत्रेयी गिरी दीदी ने अपने उद्बोधन में समाज से जातिवाद से ऊपर उठकर एकजुट रहने और “हिंदू-हिंदू भाई-भाई” की भावना को मजबूत करने का आह्वान किया।

विश्व हिंदू परिषद ने भारत सरकार से मांग की कि वह इस विषय में तत्काल ठोस कूटनीतिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाए, बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाकर हिंदू विरोधी हिंसा रोके, दोषियों को कठोर दंड दिलाए तथा अल्पसंख्यकों के लिए भय-मुक्त वातावरण सुनिश्चित करे।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, मातृशक्ति, दुर्गा वाहिनी एवं सर्व हिंदू समाज के कार्यकर्ताओं ने
“हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो” और “दीपू दास को न्याय दो”
जैसे नारों के माध्यम से अपना आक्रोश प्रकट किया।

कार्यक्रम में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा सहित प्रांत एवं महानगर स्तर के पदाधिकारी, संत-महंत तथा सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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