Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 28 अप्रैल।
भारतीय किसान संघ के काला तलाव स्थित सम्भागीय कार्यालय “बलदाऊ भवन” का लोकार्पण समारोह सोमवार को आयोजित किया गया।समारोह में संत निरंजननाथ अवधूत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वरिष्ठ प्रचारक राजेंद्र द्विवेदी, भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी तथा अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राजेन्द्र पालीवाल अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। इस दौरान ग्राम पंचायत प्रभारी सम्मेलन भी आयोजित किया गया।




इस दौरान मुख्य वक्ता दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि हमारे देश ने 2047 तक विकसित भारत का सपना देखा है। इस विकसित भारत में किसानों को अपनी भूमिका और स्थान तय करना होगा। उसी के अनुरूप अपनी क्षमता का भी विस्तार करना होगा। देश की 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। इसके लिए हमें रूपरेखा भी तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के आने से पूर्व विश्व के कुल व्यापार में भारत का हिस्सा 33% था। जो घटकर अब केवल 0.1% रह गया है। वैज्ञानिकों और किसानों ने मिलकर खाद्यान्न में भारत को स्वावलंबी बनाया है। ऐसा सामर्थ्य भारत के किसान में निहित है। अब हमें गौ कृषि वाणिज्यम की अवधारणा पर काम करना है। हमें उद्योगशील अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना होगा। जिसके तहत गांव-गांव में कृषि आधारित पूरक उद्योगों की श्रृंखला खड़ी करनी होगी। जिसका आधार पशुपालन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि सुधार करने होंगे। पूर्व में लाए गए कृषि कानूनों को सुधारों के साथ फिर से लागू करना चाहिए। भारतीय किसान संघ के निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि आज जैविक और गौ आधारित कृषि के प्रति नवचेतना आई है। कृषि अनुसंधान परिषद में भी जैविक कृषि का पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
तथाकथित किसान नेता सिंधु जल समझौता रद्द करने के खिलाफ देशविरोधी बयान दे रहे
दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि खेती किसानी को लेकर समाज विरोधी ताकतें गलत नेरेटिव खड़ा करने का प्रयास कर रही हैं। जिससे देश को नुकसान हो रहा है। तथाकथित किसान नेता सिंधु जल समझौता रद्द करने के खिलाफ देश विरोधी बयान दे रहे हैं। ऐसे लोगों को जवाब देने के लिए हमें अध्ययनशील कार्यकर्ता खड़े करने होंगे। हमें एक लाख गांव और एक करोड़ किसानों तक पहुंचने के काम का आधार अपने कार्यालय को बनाना होगा। इस दौरान पहलगाम आतंकी हमले में प्राण गंवाने वाले देशवासी पर्यटकों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि भी दी गई।