Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 19 जुलाई।
राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना 2025-26 के तहत कोटा सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड ने जिले के 170 किसानों को लगभग 3 करोड़ 20 लाख रुपये की ब्याज छूट देकर राहत पहुंचाई है। इस योजना के अंतर्गत कुल 4 करोड़ 78 लाख रुपये की वसूली सुनिश्चित की गई है, जिससे ना केवल किसानों के पुराने कर्ज निस्तारित हुए, बल्कि बैंक की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई है।
यह महत्वपूर्ण उपलब्धि बैंक अध्यक्ष चैन सिंह राठौड़ के नेतृत्व और सतत प्रयासों का परिणाम है, जिनके निर्देशन में गांव-गांव शिविर लगाकर 10 से 30 वर्षों पुराने ऋण मामलों का समाधान किया गया। राठौड़ ने कहा, “जो ऋण दादा ने लिया था, वह पोते चुका रहे थे। अब उन्हें इस योजना से मुक्ति मिली है।”
गांव-ढाणी में चले विशेष अभियान
बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों और शाखा प्रबंधकों की सामूहिक भागीदारी से गांव-ढाणी स्तर पर विशेष शिविर लगाए गए, जिनके परिणामस्वरूप 30 जून 2025 तक 1.58 करोड़ रुपये की नकद वसूली की गई। इस राशि पर 3.20 करोड़ रुपये की ब्याज छूट स्वीकृत की गई, जो इस योजना की सफलता को दर्शाता है।
तिथि बढ़ी, लाभ भी बढ़ा
पूर्व में 25% राशि जमा कराने की अंतिम तिथि 30 जून थी, जिसे बढ़ाकर अब 30 सितंबर 2025 कर दिया गया है। इस निर्णय से अब तक 110 किसानों ने लगभग 52 लाख रुपये की राशि जमा कर योजना में भागीदारी की है, जिससे उन्हें 2.50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राहत मिलनी सुनिश्चित हुई है।
दीर्घकालीन ऋणों पर 5% ब्याज अनुदान
राठौड़ ने बताया कि योजना का लाभ प्राप्त करने वाले पात्र किसानों को आगे गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना सहित दीर्घकालीन कृषि, गैर-कृषि उत्पादक और खेत आवास ऋणों में 5% ब्याज अनुदान भी प्रदान किया जाएगा। बैंक के माध्यम से ₹550 करोड़ के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य सरकार का समर्थन
राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 में ब्याज अनुदान हेतु ₹42.75 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया है। इसके साथ ही भूमि विकास बैंकों को ₹300 करोड़ और केंद्रीय सहकारी बैंकों को ₹100 करोड़ के ऋण वितरण का लक्ष्य भी तय किया गया है।
राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक की उप रजिस्ट्रार ऋतु सपरा, लेखापाल धर्मवीर सिंह, शाखा प्रबंधकगण और अन्य अधिकारी बैंक अध्यक्ष राठौड़ की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर उप रजिस्ट्रार ऋतु सपरा ने कहा, “यह योजना किसानों के आर्थिक पुनर्वास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी, साथ ही सहकारी बैंकों के पुनर्जीवन में भी अहम भूमिका निभाएगी।”
राठौड़ की अपील
बैंक अध्यक्ष चैन सिंह राठौड़ ने किसानों से अपील की कि वे इस योजना का अधिकतम लाभ लें, समय पर ऋण चुकता कर अपनी सिबिल रेटिंग सुधारें और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सहभागी बनें।