Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 31 अगस्त। नंदग्राम धाम हरे कृष्ण मंदिर में राधा अष्टमी महोत्सव श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ भव्य रूप से संपन्न हुआ।

मंदिर के उपाध्यक्ष राधा प्रिय दास प्रभुजी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य के ठीक 15 दिन पश्चात श्रीमती राधारानी का प्राकट्य रावल ग्राम में हुआ। शास्त्रों के अनुसार राधारानी और श्रीकृष्ण में कोई भेद नहीं है, दोनों एक ही स्वरूप हैं। भगवान स्वयं के आनंद के लिए अपने आप को विस्तारित करते हैं और इसीलिए राधारानी को भगवान की आह्लादिनी शक्ति माना गया है। यह भी वर्णित है कि बिना राधारानी की कृपा के मनुष्य को कभी श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त नहीं हो सकती। परंपरा अनुसार इस दिन भक्तजन दोपहर 12 बजे तक व्रत रखते हैं और राधारानी को भोग अर्पित करने के उपरांत व्रत का पारायण करते हैं।
महोत्सव के दौरान नंदग्राम धाम में भगवान श्री श्री गौर-निताई की भव्य झांकी सजाई गई। भक्तों ने मधुर भजनों और कीर्तन के साथ वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। सायंकालीन आयोजन में श्री श्री राधा माधव का झूलन उत्सव हुआ, जहां भक्तगण हर्षोल्लास के साथ भक्ति-भाव से झूला झुलाकर भगवान की कृपा प्राप्त करते रहे।
भक्तों ने राधारानी की लीलाओं और गुणों पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लिया। तत्पश्चात राधारानी की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया। श्री श्री गौर-निताई का पालकी उत्सव भी आकर्षण का केंद्र रहा।
महाआरती के बाद सभी श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद का लाभ लिया। भक्तों ने इस आयोजन को अत्यंत आनंददायक एवं आत्मिक शांति प्रदान करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि राधा अष्टमी के इस पर्व पर उन्हें श्रीकृष्ण-राधा की अनंत भक्ति और प्रेम का अद्वितीय अनुभव हुआ।
