16 दिवसीय श्राद्ध तर्पण श्रद्धांजलि महोत्सव आज से प्रारंभ

Written by : प्रमुख संवाद


कर्मयोगी सेवा संस्थान करेगा देश-दुनिया की दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु आयोजन

कोटा, 7 सितम्बर।
पितृपक्ष के अवसर पर कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से 26वां श्राद्ध तर्पण श्रद्धांजलि महोत्सव आज रविवार से प्रारंभ होगा। संस्थापक अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि जिला अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा के नेतृत्व में यह 16 दिवसीय आयोजन गुरुधाम कॉलोनी, रोटेदा रोड, सोगरिया स्टेशन के पास 21 सितम्बर तक चलेगा।

प्रतिदिन प्रातः 11 से 12 बजे तक क्रियाकांडी पंडित पवन शर्मा द्वारा विधि-विधान से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध तर्पण संपन्न होगा। इसके बाद 12 से 1 बजे तक जन सहयोग से गरीबों एवं ब्राह्मणों को खीर, पूरी एवं सब्जी का भोजन लगातार 16 दिनों तक कराया जाएगा।

प्रतिदिन विशेष समर्पण

  • 7 सितम्बर (पूर्णिमा): अंतर्राष्ट्रीय मानव कल्याण हेतु उल्लेखनीय कार्य करने वाली दिवंगत आत्माओं को समर्पित।
  • 8 सितम्बर (प्रतिपदा): जलचर, थलचर, नभचर जीव-जंतु, पशु-पक्षी एवं कीट-पतंगों की आत्मशांति हेतु।
  • 9 सितम्बर (द्वितीया): शहीद पुलिसकर्मियों, अधिकारियों तथा न्याय की रक्षा हेतु जीवन समर्पित करने वाले एडवोकेट एवं मजिस्ट्रेटों के लिए।
  • 10 सितम्बर (तृतीया-चतुर्थी): देश के दिवंगत अन्नदाता किसानों की आत्मशांति हेतु।
  • 11 सितम्बर (पंचमी): शहीद सैनिकों, विशेषकर ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए वीरों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए।
  • 12 सितम्बर (षष्ठी): देश-दुनिया के दिवंगत वैज्ञानिकों को समर्पित।
  • 13 सितम्बर (सप्तमी): भ्रूण हत्या की शिकार दिवंगत अजन्मी कन्याओं की आत्मशांति हेतु।
  • 14 सितम्बर (अष्टमी): आतंकवाद, सांप्रदायिक उन्माद, धार्मिक कट्टरता व साम्राज्यवादी षड्यंत्रों से दिवंगत आत्माओं हेतु।
  • 15 सितम्बर (नवमी): प्रेरणादायी दिवंगत महिलाओं और जौहर में सतीत्व की रक्षा हेतु बलिदान देने वाली वीरांगनाओं को समर्पित।
  • 16 सितम्बर (दशमी): दिवंगत खिलाड़ी, चित्रकार, कलाकार, पत्रकार, लेखक, साहित्यकार, गीतकार, संगीतकार और पूर्व शासकों की आत्मशांति हेतु।
  • 17 सितम्बर (एकादशी): हत्या, आत्महत्या और दुर्घटनाओं में दिवंगत हुईं अंतर्राष्ट्रीय मानव कल्याणकारी आत्माओं हेतु।
  • 18 सितम्बर (द्वादशी): दिवंगत साधु-संत एवं संन्यासियों की आत्मशांति हेतु।
  • 19 सितम्बर (त्रयोदशी): दिवंगत मंगलमुखी किन्नरों के लिए।
  • 20 सितम्बर (चतुर्दशी): प्राकृतिक आपदाओं व मानवीय भूलों से अकाल मृत्यु का शिकार हुए दिवंगतों हेतु, विशेषकर कोरोना त्रासदी के दिवंगतों को समर्पित।

अमावस्या पर सामूहिक श्राद्ध

21 सितम्बर (सर्वपितृ अमावस्या) पर सभी दिवंगत आत्माओं का श्राद्ध तर्पण किया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से उन दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिनके परिजन आर्थिक अभाव के कारण श्राद्ध नहीं कर पाते, साथ ही लावारिस एवं भुखमरी से दिवंगत आत्माओं को भी समर्पण किया जाएगा।

समापन अवसर पर दीपदान एवं आम भंडारे का आयोजन होगा। इसी के साथ 16 दिवसीय श्राद्ध तर्पण श्रद्धांजलि महोत्सव संपन्न होगा।


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