Written by : Sanjay kumar
28 NNovember 2025
एशिया कप 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया, जिसमें टीम इंडिया ने रोमांचक अंदाज में 5 विकेट से जीत दर्ज करते हुए खिताब पर कब्जा किया। कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, और भारतीय गेंदबाजों ने इस फैसले को सही साबित किया।

पाकिस्तान की शानदार शुरुआत, लेकिन अचानक ढह गई पूरी पारी
पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की टीम ने दमदार शुरुआत की। साहिबजादा फरहान और फखर जमान ने पहले विकेट के लिए 9.4 ओवर में 84 रन जोड़कर भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बना दिया। फरहान ने 38 गेंदों पर 57 रन बनाए, जिसमें 5 चौके और 3 छक्के शामिल रहे। वहीं फखर जमान ने 35 गेंदों में 47 रन ठोके।
हालांकि इसके बाद पाकिस्तान की पारी बिखर गई। 113/2 से टीम सिर्फ 146 रन पर ऑलआउट हो गई। अगले 8 विकेट मात्र 33 रन के अंदर गिर गए। पाकिस्तान की ओर से बाकी बल्लेबाज सिंगल डिजिट से आगे नहीं बढ़ सके। भारत के लिए कुलदीप यादव सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 4 विकेट झटके। जसप्रीत बुमराह, अक्षर पटेल और वरुण चक्रवर्ती ने 2-2 विकेट हासिल किए।
भारतीय बल्लेबाजों की शुरुआती लड़खड़ाहट
147 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत निराशाजनक रही। ओपनर अभिषेक शर्मा सिर्फ 5 रन बनाकर आउट हो गए। उपकप्तान शुभमन गिल (12) और कप्तान सूर्यकुमार यादव (1) भी बड़ी पारी नहीं खेल सके। विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने 24 रन बनाए, लेकिन भारत का स्कोर 77/4 हो चुका था।
तिलक वर्मा बने हीरो, शिवम दुबे ने निभाई अहम भूमिका
संकट की घड़ी में तिलक वर्मा और शिवम दुबे ने भारतीय पारी को संभाला। दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिए 60 रन की अहम साझेदारी हुई। तिलक वर्मा ने धैर्य और आक्रामकता का शानदार मिश्रण दिखाते हुए अर्धशतक जड़ा। उन्होंने अपनी पारी में न सिर्फ क्रीज पर टिककर खेला बल्कि स्ट्राइक रोटेट कर दबाव भी कम किया।
शिवम दुबे ने 22 गेंदों पर 33 रन बनाए और 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर आउट हुए। हालांकि, तब तक भारत जीत के बेहद करीब पहुंच चुका था। भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए आखिरी ओवर में मुकाबला अपने नाम कर लिया।
भारत ने जीता एशिया कप 2025 का खिताब
तिलक वर्मा की नाबाद पारी और गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर एशिया कप 2025 का खिताब जीत लिया। यह जीत भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक और गौरवशाली पल के रूप में दर्ज हो गई।
