राजस्थान के नए मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास: सुशासन, मॉनिटरिंग और डिजिटल सुधार के नए युग की शुरुआत

Written by : Sanjay kumar


जयपुर, 17 नवम्बर । राजस्थान के नए मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने आज पदभार ग्रहण कर लिया। देश के उन चुनिंदा प्रशासनिक अधिकारियों में शामिल श्रीनिवास का रिकॉर्ड बताता है कि वे पारंपरिक ढर्रे से अलग सोचने वाले, नवाचार के समर्थक और तेज रफ्तार प्रशासनिक सुधारों में विश्वास रखने वाले अधिकारी हैं। केंद्र सरकार से प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें राज्य के प्रशासनिक ढांचे की कमान सौंपी गई है। उनके कार्यभार ग्रहण करते ही यह उम्मीद बढ़ गई है कि राजस्थान में गवर्नेंस को एक नई दिशा और नए मानक मिलने वाले हैं।


डिजिटल हेल्थ मॉडल से लेकर ‘वन नेशन, वन पोर्टल’ तक—श्रीनिवास का मजबूत प्रशासनिक अनुभव

केंद्र में सचिव रहते हुए श्रीनिवास ने ‘वन नेशन, वन पोर्टल’ जैसी ऐतिहासिक पहल शुरू की, जिसके जरिए सरकारी शिकायतों के निस्तारण की गति कई गुना बढ़ी।
– शिकायतों का निस्तारण 2–3 सप्ताह में सुनिश्चित करना
– कॉल ऑडिट और फीडबैक सिस्टम लागू करना
– शिकायतकर्ता की अपनी भाषा में जवाब देने की व्यवस्था

इन कदमों के बाद केंद्र में जनसुनवाई की छवि और विश्वसनीयता दोनों में बड़ा सुधार दर्ज किया गया।
एम्स नई दिल्ली में भी उन्होंने डिजिटल हेल्थ मॉडल लागू कर स्वास्थ्य प्रशासन को आधुनिक स्वरूप देने का बड़ा प्रयोग किया था।


राजस्थान में मुख्य सचिव के रूप में उनकी प्रमुख प्राथमिकताएँ

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ हाल ही में हुई मुलाकात के बाद से ही संकेत साफ थे कि राज्य सरकार प्रशासनिक तंत्र में तेज़ी, पारदर्शिता और मॉनिटरिंग पर फोकस चाहती है। पदभार संभालते ही वी. श्रीनिवास के सामने ये प्रमुख प्राथमिकताएँ और चुनौतियाँ रहेंगी—

1. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में गति और परिणाम आधारित मॉनिटरिंग
– शहरों में अधूरे कार्यों की समीक्षा
– क्रियान्वयन में जवाबदेही तय करना

2. स्वास्थ्य एवं डिजिटल मिशन को राज्य स्तर पर तेज़ी से लागू करना
– अस्पतालों में डिजिटल रिकॉर्ड
– ई-अस्पताल मॉडल को मजबूत करना

3. अवैध खनन पर सख्त नियंत्रण
– ड्रोन सर्विलांस और डिजिटल ट्रैकिंग
– जिलेवार खनन मॉनिटरिंग मेकैनिज्म विकसित करना

4. कानून-व्यवस्था में तकनीकी सुधार
– पुलिस सिस्टम में डिजिटल इंटीग्रेशन
– साइबर क्राइम सेल को मजबूत करना

5. एक वर्ष का संपूर्ण प्रशासनिक रोडमैप तैयार करना

6. फाइल मूवमेंट टाइम को आधा करना
– ई-ऑफिस प्रणाली को और मजबूत करना

7. विभागीय परफॉर्मेंस इंडेक्स में सुधार
– हर विभाग के लिए स्पष्ट KPI और समयबद्ध कार्ययोजना

8. बजट घोषणाओं की सख्त मॉनिटरिंग
– मासिक समीक्षा
– रियल-टाइम रिपोर्टिंग सिस्टम

9. रिफाइनरी, रामजल सेतु लिंक, जल परियोजनाओं को गति देना
– बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की CM स्तर तक रिपोर्टिंग

10. जिला योजनाओं में डिजिटल ट्रैकिंग लागू करना
– जिला कलेक्टरों की परफॉर्मेंस आधारित समीक्षा

इन प्राथमिकताओं के माध्यम से राज्य सरकार आने वाले समय में तेज़ प्रशासनिक निर्णय, बेहतर सेवा-डिलिवरी और नागरिक संतुष्टि बढ़ाने पर फोकस करेगी।


23 साल की उम्र में बने थे IAS, अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी समृद्ध

1 सितंबर 1966 को जन्मे वी. श्रीनिवास आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। उस्मानिया विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक पूरा करने के बाद वे वर्ष 1989 में 23 वर्ष की उम्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए।

वे न केवल देश, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं।
आईआईएएस (International Institute of Administrative Sciences) के अध्यक्ष हैं
– कार्यकाल वर्ष 2028 तक
– संगठन का मुख्यालय ब्रुसेल्स में स्थित
– उन्होंने ऑस्ट्रिया के डॉ. अलेक्ज़ेंडर बाल्थजार को बड़े अंतर से मात देकर यह प्रतिष्ठित पद हासिल किया

जी-20 आयोजन के दौरान उन्होंने विस्तृत अध्ययन कर ‘G-20: द रोडमैप टू द इंडियन प्रसीडेंसी’ पुस्तक भी लिखी, जिसे व्यापक सराहना मिली।
हिंदी को बढ़ावा देने के लिए उन्हें 2025 में राजभाषा कीर्ति पुरस्कार भी मिला।


वरिष्ठता सूची में भी शीर्ष पर पहुँचेंगे

राजस्थान में वर्तमान में सुबोध अग्रवाल सबसे वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, जो दिसंबर में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। अग्रवाल की सेवानिवृत्ति के बाद जनवरी से वी. श्रीनिवास आइएएस वरिष्ठता सूची में पहले स्थान पर आ जाएंगे।


निष्कर्ष: राजस्थान में तेज़, तकनीक आधारित और पारदर्शी प्रशासन का नया अध्याय

मुख्य सचिव के रूप में वी. श्रीनिवास की नियुक्ति से यह संकेत स्पष्ट है कि राज्य सरकार आने वाले वर्षों में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की नीति पर जोर देगी।
डिजिटल गवर्नेंस, मॉनिटरिंग, पारदर्शिता और त्वरित जनसुनवाई—ये सभी क्षेत्र अब नई ऊर्जा और नए तरीकों के साथ आगे बढ़ेंगे।

राजस्थान प्रशासन अब एक ऐसे चरण में प्रवेश कर रहा है जहाँ तेज कार्यवाही, जवाबदेही और तकनीकी सुधार भविष्य की नींव बनेंगे।


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