संसद सुरक्षा को मिला नया आयाम: CISF की संशोधित पॉलिसी और आधुनिक प्रशिक्षण से बढ़ी चौकसी

Written by : Sanjay kumar


नई दिल्ली, 29 नवम्बर 2025

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने दिसंबर 2023 की घटना के बाद की गई व्यापक सुरक्षा समीक्षा के आधार पर संसद भवन परिसर (PHC) की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मज़बूत किया है। चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत 20 मई 2024 को CISF ने संसद की सभी प्रमुख सुरक्षा जिम्मेदारियाँ—एक्सेस कंट्रोल, परिधि एवं आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी प्रतिक्रिया, बम-रोधी प्रबंधन, अग्नि एवं आपदा प्रबंधन—का पूर्ण अधिग्रहण कर लिया।

3,300 से अधिक बल सदस्यों की तैनाती की गई, जिनमें 200 से ज्यादा अग्नि एवं आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ शामिल हैं। लक्ष्य है—एयरपोर्ट जैसी उच्च-स्तरीय सुरक्षा, जिसमें उन्नत फ्रिस्किंग, मल्टी-लेवल एक्सेस वेरिफिकेशन, एक्स-रे बैगेज स्कैनिंग जैसे मानक शामिल हैं। उभरते खतरों से निपटने के लिए CISF ने ड्रोन-खतरे, साइबर सुरक्षा, CBRN प्रतिक्रिया और NSG व भारतीय सेना के साथ बैटल-इनोक्युलेशन जैसे विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल को भी जोड़ा है।


संशोधित पोस्टिंग पॉलिसी: स्थिरता, योग्यता और निरंतरता पर फोकस

नई पोस्टिंग पॉलिसी में PHC ड्यूटी के लिए बल कर्मियों का कार्यकाल तीन वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष किया गया है, जिसे उपयुक्तता के आधार पर एक अतिरिक्त वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। हर वर्ष निर्धारित प्रतिशत में कर्मियों की अदला-बदली की जाएगी ताकि ऑपरेशनल निरंतरता और नई तैनाती दोनों संतुलित रहे।

लंबा कार्यकाल बल सदस्यों को संसद सदस्यों की पहचान, PHC की गतिविधियों, सुरक्षा पैटर्न और संभावित जोखिमों को बेहतर समझने में सक्षम बनाता है—जिससे गलत पहचान की संभावना कम होती है और प्रतिक्रिया समय अत्यधिक बेहतर होता है।

PHC ड्यूटी के लिए पात्रता मानदंड विशेष रूप से सख्त किए गए हैं:

  • उत्कृष्ट सर्विस रिकॉर्ड
  • SHAPE-I चिकित्सा श्रेणी
  • कोई अनुशासनात्मक/सतर्कता संबंधी मामला लंबित न हो
  • कम से कम दो विशेष कोर्स पूरे किए हों
  • रैंक के अनुसार निर्धारित आयु सीमा पूरी हो

उम्मीदवारों को अब एक अनिवार्य मल्टी-स्टेज स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा:

  • मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन
  • बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (BPET)
  • PHC-विशिष्ट इंडक्शन प्रशिक्षण
  • व्यापक सुरक्षा मंजूरी

केवल वे कर्मी, जो सभी चरणों में सफल होंगे, संसद ड्यूटी के लिए चुने जाएंगे।


आधुनिक प्रशिक्षण: उच्च-स्तरीय तत्परता सुनिश्चित करने की सबसे बड़ी ताकत

CISF ने प्रशिक्षण को पहले से अधिक गतिशील और ऑपरेशन-ओरिएंटेड बनाया है। तैनात बल सदस्य अंतर-सत्र अवधि में नियमित ऑन-साइट और ऑफ-साइट प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • NSG-कस्टमाइज़्ड प्रशिक्षण (मानेसर)
  • भारतीय सेना के साथ काउंटर-टेरर प्रशिक्षण (श्रीनगर)
  • CAT (कंटिंजेंसी एक्शन टीम) कोर्स
  • QRT (क्विक रिस्पॉन्स टीम) कोर्स
  • स्नाइपर कोर्स
  • CRT (कंटिंजेंसी रिस्पॉन्स टीम) कोर्स – NISA
  • आर्म्ड सपोर्ट प्रशिक्षण – विभिन्न CISF RTCs

CISF नियमित सिनेरियो-बेस्ड मॉक ड्रिल्स भी आयोजित कर रहा है—जैसे CBRN खतरे, आतंकवादी हमले, ड्रोन हमले, साइबर घटनाएँ, निकासी अभ्यास, बम-धमकी प्रतिक्रिया और फायर इमरजेंसी। करीब दस से अधिक एजेंसियों के साथ मल्टी-एजेंसी ड्रिल्स भी आयोजित की गईं। हर महीने अचानक ‘सरप्राइज़ ड्रिल’ भी की जाती हैं ताकि वास्तविक-स्थिति में बल की तत्परता का मूल्यांकन हो सके।

PHC तैनाती के सभी कर्मियों के लिए वार्षिक BPET और साइकोलॉजिकल मूल्यांकन अनिवार्य होगा, जबकि QRT बल सदस्यों के लिए BPET मासिक रूप से जारी रहेगा।


लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए भविष्य-तैयार बल

संशोधित पॉलिसी, श्रेष्ठ प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीकों से लैस प्रतिक्रिया-क्षमताओं ने CISF की संसद भवन परिसर की सुरक्षा को नई मजबूती प्रदान की है। युवा, फिट, अत्यधिक प्रशिक्षित और मानसिक रूप से सुदृढ़ बल सदस्यों की तैनाती यह दर्शाती है कि CISF भारत के सर्वोच्च विधायी परिसर की सुरक्षा के लिए पूर्ण रूप से भविष्य-सक्षम बन चुका है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!